कोलकाता, प. बंगाल में फाउंड्री उद्योग को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का निवेश मिलेगा। यह निवेश नई परियोजनाओं और मौजूदा उद्योगों के विस्तार के लिए किया जाएगा। फाउंड्री उद्योग में धातु को पिघलाकर उसे ढालने, आकार देने और विभिन्न उत्पादों के रूप में बनाने का काम किया जाता है। इसमें धातु जैसे लोहे, इस्पात एल्युमिनियम आदि का प्रयोग होता है। इस निवेश का उद्देश्य उद्योग को लाभ पहुंचाना और इसकी क्षमता को बढ़ाना है। इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमैन (आईआईएफ) के अध्यक्ष नवनीत बी अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल में फाउंड्री उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और इसकी वृद्धी राष्ट्रीय औसत से 50 प्रतिशत अधिक है। फाउंड्री उद्योग के विस्तार के लिए बड़े उद्योगों और सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) दोनों को ध्यान में रखते हुए, कुल 2,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।