नई दिल्ली : लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किए जाने पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने विधेयक का विरोध किया, हालाँकि इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विधेयक देश के मुसलमानों के खिलाफ नहीं है और इसमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे गैर-मुस्लिम वक्फ में शामिल हों। उन्होंने साफ किया कि वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल की जिम्मेदारी होगी कि वे वक्फ की संपत्तियों की सुरक्षा करें और उन लोगों पर कार्रवाई करें, जो संपत्तियों को अवैध रूप से बेच रहे हैं या 100 साल की लीज पर दे रहे हैं।
उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग इस विधेयक को लेकर गलतफहमी फैला रहे हैं और इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताकर डराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस कानून का मकसद मुसलमानों के धार्मिक मामलों में दखल देना नहीं, बल्कि वक्फ की संपत्तियों की रक्षा करना है। अमित शाह ने कहा कि 1995 में लागू वक्फ अधिनियम में भी गैर-मुस्लिमों को वक्फ में शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं था, और अब भी ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष राजनीतिक फायदा उठाने के लिए भ्रम फैला रहा है। उन्होंने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा मजबूत होगी और उनकी आय का सही इस्तेमाल अल्पसंख्यकों के विकास में किया जाएगा।
यह विधेयक वक्फ बोर्ड और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी और सशक्त बनाने के उद्देश्य से लाया गया है। सरकार का कहना है कि इससे वक्फ संपत्तियों की अवैध बिक्री और दुरुपयोग पर रोक लगेगी और उनकी आय को सही ढंग से इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे लेकर सरकार पर हमलावर हैं और इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ कदम बता रहे हैं। वहीं, सरकार का दावा है कि यह सिर्फ वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए है और किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं।