Vidya Balan’s warning
✔ विद्या बालन का एआई-जनित फर्जी वीडियो वायरल
✔ अभिनेत्री ने स्पष्ट किया कि इन वीडियो से उनका कोई संबंध नहीं
✔ सोशल मीडिया यूजर्स से गलत जानकारी न फैलाने की अपील
✔ रश्मिका मंदाना, कैटरीना कैफ, आमिर खान जैसे सितारों के भी एआई वीडियो सामने आ चुके हैं
विद्या बालन के नाम पर वायरल फर्जी वीडियो: सच्चाई क्या है?
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री विद्या बालन ने हाल ही में अपने नाम से वायरल हो रहे एआई-जनित (AI-Generated) फर्जी वीडियो को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने प्रशंसकों को आगाह करते हुए कहा कि—
“इन वीडियो को बनाने या प्रसारित करने में मेरी कोई भूमिका नहीं है।”
विद्या बालन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो क्लिप शेयर की, जिसमें उन्होंने साफ तौर पर बताया कि सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर कई वीडियो प्रसारित किए जा रहे हैं, जिनमें वे नजर आ रही हैं, लेकिन ये वीडियो पूरी तरह से एआई (Artificial Intelligence) की मदद से बनाए गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि—
“इन वीडियो में जो भी दावे किए जा रहे हैं, वे मेरे विचारों या मेरे काम का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।”
एआई तकनीक के बढ़ते दुरुपयोग पर विद्या बालन की चिंता
विद्या बालन की चिंता वाजिब है। एआई तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के चलते फर्जी वीडियो, डीपफेक (Deepfake), और गलत जानकारी फैलाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
एआई से बनी फर्जी सामग्री कितनी खतरनाक हो सकती है?
व्यक्तिगत छवि को नुकसान: सेलेब्रिटीज या आम लोगों की छवि को गलत तरीके से पेश किया जा सकता है।
गलत सूचनाओं का प्रसार: झूठी खबरें तेजी से फैल सकती हैं, जिससे अफवाहें जन्म ले सकती हैं।
विश्वासनीयता पर असर: जब फर्जी कंटेंट वास्तविक जैसा दिखता है, तो लोगों के लिए सच्चाई और झूठ में अंतर करना मुश्किल हो जाता है।
विद्या बालन ने अपने प्रशंसकों से अपील की कि वे किसी भी कंटेंट को बिना जांचे-परखे आगे न बढ़ाएं।
पहली बार नहीं: अन्य सेलेब्रिटीज भी बन चुके हैं एआई फर्जीवाड़े के शिकार
विद्या बालन से पहले भी कई बॉलीवुड और टॉलीवुड सितारे एआई-जनित फर्जी वीडियो और डीपफेक तकनीक का शिकार हो चुके हैं।
हाल ही में एआई से प्रभावित सेलेब्रिटीज:
रश्मिका मंदाना: उनकी मॉर्फ्ड तस्वीरें और फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
कैटरीना कैफ: एक डीपफेक वीडियो में उन्हें ऐसा दिखाया गया था, जैसे वे किसी विवादास्पद बयान को समर्थन दे रही हों।
आमिर खान: उनका एक नकली इंटरव्यू वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे ऐसी बातें कहते दिख रहे थे, जो उन्होंने कभी कही ही नहीं थीं।
रणवीर सिंह: उनके नाम से भी कई फर्जी वीडियो बनाए गए थे।
ये घटनाएं बताती हैं कि एआई का गलत इस्तेमाल न सिर्फ बड़े कलाकारों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि इससे समाज में भ्रम और गलतफहमी भी फैल सकती है।
एआई से बने फर्जी वीडियो को कैसे पहचानें?
आजकल डीपफेक वीडियो और एआई-जनित सामग्री इतनी वास्तविक लगती है कि आम आदमी इसे सही और गलत में फर्क नहीं कर पाता।
लेकिन, कुछ खास तरीकों से इन फर्जी वीडियो को पहचाना जा सकता है:
ध्यान से चेहरे के हाव-भाव देखें: डीपफेक वीडियो में कई बार चेहरा और होंठों की मूवमेंट एक-दूसरे से मेल नहीं खाते।
आवाज पर गौर करें: अक्सर एआई से बनाए गए वीडियो में आवाज थोड़ी अलग या असामान्य लग सकती है।
रोशनी और बैकग्राउंड का अंतर: डीपफेक वीडियो में बैकग्राउंड और लाइटिंग थोड़ी अजीब लग सकती है।
फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट का उपयोग करें: Alt News, Boom Live और अन्य फैक्ट-चेकिंग प्लेटफॉर्म से वीडियो की सत्यता की जांच करें।
सोर्स वेरिफिकेशन करें: अगर कोई वीडियो अचानक वायरल हो रहा है, तो उसकी सत्यता के बारे में ऑफिशियल न्यूज़ सोर्स देखें।
विद्या बालन ने भी यही अनुरोध किया है कि किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच अवश्य करें।
एआई-जनित फर्जी सामग्री के खिलाफ सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म क्या कर रहे हैं?
एआई तकनीक के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार और सोशल मीडिया कंपनियां कई कदम उठा रही हैं—
भारत सरकार की पहल:
आईटी अधिनियम (IT Act) में बदलाव: डीपफेक और फर्जी वीडियो फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
फेक न्यूज मॉनिटरिंग सिस्टम: सरकार सोशल मीडिया पर गलत जानकारी पर नज़र रखने के लिए नए मॉनिटरिंग टूल्स पर काम कर ही है।
डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड: इसके तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फैलने वाली गलत सूचनाओं को रोकने के उपाय किए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की भूमिका:
यूट्यूब और फेसबुक: फर्जी वीडियो की पहचान के लिए AI मॉडरेशन टूल्स का उपयोग कर रहे हैं।
इंस्टाग्राम और ट्विटर: डीपफेक और मॉर्फ्ड कंटेंट को तुरंत फ्लैग करने और रिपोर्टिंग ऑप्शन को मजबूत बना रहे हैं।
व्हाट्सऐप: फेक न्यूज और मॉर्फ्ड वीडियो को रोकने के लिए “फॉरवर्ड लिमिट” और “फैक्ट-चेकिंग फीचर” को लागू कर चुका है।