काबुल, (तालिबान द्वारा कब्जा) – तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित एकमात्र आलीशान होटल ‘सेरेना होटल’ पर कब्जा कर लिया है। इस होटल का स्वामित्व पहले एक निजी कंपनी के पास था, लेकिन अब तालिबान के अधीनस्थ एक सरकारी संगठन ‘होटल स्टेट ओन्ड कॉर्पोरेशन’ इसे अपने नियंत्रण में लेगा। होटल के अधिकारियों ने शुक्रवार को घोषणा की कि 1 फरवरी से होटल का संचालन बंद कर दिया जाएगा।
होटल स्टेट ओन्ड कॉर्पोरेशन, जो कि अफगानिस्तान के वित्त मंत्रालय के तहत आता है, इस बदलाव के बाद होटल के प्रशासन को संभालेगा। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। साथ ही, न ही सेरेना होटल और न ही अफगान सरकार ने होटल के स्वामित्व में बदलाव के कारणों के बारे में कोई स्पष्टीकरण दिया है।
सेरेना होटल पहले भी तालिबान के हमलों का शिकार हो चुका है। 2008 और 2014 में तालिबान ने इस होटल पर हमला किया था, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हुई थी। कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने 2008 के हमले की योजना बनाने का कबूल किया था, जिसमें अमेरिकी नागरिक थॉर डेविड हेसला समेत आठ लोगों की जान चली गई थी।
होटल की स्वामित्व परिवर्तन की खबर ने काबुल और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कई सवाल खड़े किए हैं, खासकर होटल के ऐतिहासिक महत्व और इसमें ठहरे कई अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के संबंध में। सेरेना होटल को काबुल का प्रमुख और सबसे सुरक्षित होटल माना जाता था, जो विदेशी राजनयिकों और व्यवसायियों के लिए एक प्रमुख स्थल था।
हालांकि, तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से अफगानिस्तान में कई प्रमुख बदलाव हुए हैं, इस घटना ने यह संकेत दिया है कि तालिबान की सत्ता के तहत अफगानिस्तान की राष्ट्रीय संपत्तियों और सुविधाओं पर अधिक नियंत्रण स्थापित किया जा रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के साथ, होटल के स्वामित्व में बदलाव को एक राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा सकता है, जो अफगानिस्तान के भीतर आर्थिक और प्रशासनिक नियंत्रण की स्थिति को और स्पष्ट करता है।