नई दिल्ली : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी। आरपीएफ की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हादसा प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा के कारण हुआ। यह घटना रेलवे प्रबंधन में चूक और भीड़ नियंत्रण की विफलता को उजागर करती है। प्लेटफॉर्म बदलने की गलत और देर से की गई घोषणाओं ने यात्रियों में भ्रम और घबराहट पैदा कर दी, जिससे यह भगदड़ मची।
RPF की रिपोर्ट में कई अहम बिंदु सामने आए हैं:
- प्लेटफॉर्म बदले जाने की घोषणा – पहले प्लेटफॉर्म 12 बताया गया और फिर अचानक 16 कर दिया गया, जिससे यात्री भागदौड़ करने लगे।
- तीन ट्रेनों की भीड़ – पहले से ही तीन प्रमुख ट्रेनों के यात्री प्लेटफॉर्म पर मौजूद थे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
- फुटओवर ब्रिज पर भारी दबाव – यात्री चढ़ और उतर रहे थे, जिससे ब्रिज पर भीड़ बढ़ी और भगदड़ मच गई।
- असंतुलित सुरक्षा व्यवस्था – RPF जवानों की संख्या और तैनाती पर्याप्त नहीं थी, जिससे भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका।
- अत्यधिक टिकट बिक्री – सामान्य दिनों से अधिक टिकट बेचे गए, जिससे प्लेटफॉर्म पर अप्रत्याशित भीड़ बढ़ गई।
इस घटना से साफ है कि रेलवे को भीड़ नियंत्रण के लिए बेहतर प्रबंधन की जरूरत है। अनियंत्रित टिकट बिक्री, प्लेटफॉर्म बदलने की अव्यवस्थित घोषणाएँ और सुरक्षा बलों की कमी जैसी समस्याओं को प्राथमिकता से हल किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।