नई दिल्ली : शुक्रवार सुबह भारतीय सिनेमा के प्रतिष्ठित अभिनेता, लेखक और निर्देशक मनोज कुमार का मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया। 87 वर्षीय मनोज कुमार को उनकी देशभक्ति पर आधारित फिल्मों के लिए विशेष रूप से जाना जाता था, जिसके चलते उन्होंने सम्मानपूर्वक “भारत कुमार” की उपाधि प्राप्त थी। उनकी बनाई उपकार, पूरब और पश्चिम, क्रांति तथारोटी, कपड़ा और मकान जैसी कालजयी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा में देशप्रेम की एक अलग ही भावना को जीवंत करने का काम किया।
उनके पुत्र कुणाल गोस्वामी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि “पिताजी पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। ईश्वर की कृपा रही कि उन्होंने शांति से इस संसार को विदाई दी। अंतिम संस्कार कल संपन्न होगा।” बता दे कि मनोज कुमार लंबे समय से लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे और 21 फरवरी 2025 को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अपने गौरवशाली करियर में उन्होंने 7 फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त किए। 1968 में उपकार के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ फिल्म, निर्देशन, कहानी और संवाद सहित चार प्रमुख श्रेणियों में सम्मानित किया गया था। सरकार ने 1992 में उन्हें पद्मश्री से अलंकृत किया और 2016 में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से उन्हें नवाजा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा “महान अभिनेता और फिल्म निर्माता श्री मनोज कुमार जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं। वे भारतीय सिनेमा के एक अद्वितीय स्तंभ थे, जिनकी फिल्मों में झलकने वाली देशभक्ति ने जनमानस में राष्ट्रीय गौरव की भावना को जागृत किया। उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवारजनों और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”