Noida News: नोएडा की 117 सोसायटियों को सूचे व गीले कचरे के निस्तारण का प्लांट न लगाने पर नोटिस जारी किए गए हैं। ये नोटिस जारी करने के साथ नोएडा प्राधिकरण ने उक्त सोसायटियों को चेतावनी जारी की है कि वे पंद्रह दिनों के भीतर कचरे के निस्तारण का प्लांट लगा लें।
प्राधिकरण को देना होगा शुल्क
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) की एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि पांच हजार वर्ग मीटर से अधिक भूखंड वाले बड़े कूड़ा उत्पादकों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे उत्पादकों को अपने परिसर में ही गीले-सूखे कूड़े के लिए निस्तारण प्लांट लगाना जरुरी है। नोएडा में घर-घर से कूड़ा उठाने का काम एजी एनवायरो एजेंसी करती है। यह एजेंसी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी से प्रति फ्लैट के हिसाब से शुल्क ले लेती है लेकिन जब इस कूड़े का निस्तारण होता है तो उसका खर्चा प्राधिकरण को वहन करना होता है। एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि सभी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को जारी कर दिये गये हैं। सोसाइटी वालों को 15 दिन में कूड़ा निस्तारण की योजना बतानी होगी। अगर कूड़ा निस्तारण नहीं करते हैं तो यह शुल्क प्राधिकरण को देना होगा।
कूड़ा उठाने के लिए हर प्रत्येक फ्लैट से लेते हैं पैसे
मालूम हो कि कचड़ा उठाने वाली एजेंसी एपीपी एनवायरो डोर टू डोर एजेंसी कूड़ा उठाने के लिए प्रत्येक फ्लैट से पैसा लेती है। जबकि उसका प्राधिकरण के साथ एक निश्चित मात्रा में रोजाना कूड़ा निस्तारण का एग्रीमेंट है। इससे ज्यादा कूड़ा निस्तारित करने पर होने वाला अतिरिक्त खर्चा प्राधिकरण को वहन करना पड़ता है। ऐसे में हर बार कंपनी ज्यादा कूड़ा दिखा रही है। जबकि ये पैसा फ्लैट मालिकों से ले रही है। ऐसे में दोनों तरफ से एजेंसी की कमाई हो रही है।
इन लोगों के खिलाफ बरती जाएगी सख्ती
ऐसे में सोसाइटी की एओए को कूड़ा निस्तारण की कार्ययोजना बतानी होगी। साथ ही कूड़ा निस्तारण प्लांट नहीं लगवाने पर उनके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी। नियमों के तहत पांच हजार वर्ग मीटर या इससे बड़े आकार के जो भी भूखंड है उनके अपने परिसर में ही कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया करनी चाहिए लेकिन नोएडा में ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे भूखंडों पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जरुरी है। नोएडा क्षेत्र में करीब 117 ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी हैं।