Mysterious illness of 4 year old child in Kottayam मुख्य बिंदु:
- स्कूल में चॉकलेट खाने के बाद बच्चे को चक्कर आने लगे, अस्पताल में भर्ती
- मूत्र परीक्षण में मिला ‘बेंजोडायजेपाइन’, जो एक शक्तिशाली अवसादक है
- बच्चे की मां, स्कूल और पुलिस के बीच उलझी कहानी, सच्चाई अब भी रहस्य
- प्रशासन ने जांच शुरू की, लेकिन अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया
क्या है पूरा मामला?
केरल के कोट्टायम जिले (Kottayam District) में एक 4 वर्षीय बच्चे का मामला रहस्य बन गया है, जिसे पिछले महीने स्कूल में चॉकलेट खाने के बाद अचानक चक्कर आने लगे।
बच्चे को 17 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों को कुछ असामान्य लगा, इसलिए एर्नाकुलम के अमृता अस्पताल में जब उसके मूत्र की जांच की गई, तो पता चला कि उसके शरीर में बेंजोडायजेपाइन (Benzodiazepine) नामक शक्तिशाली अवसादक दवा मौजूद थी।
बेंजोडायजेपाइन का उपयोग आमतौर पर गंभीर चिंता, अनिद्रा और मिर्गी के इलाज में किया जाता है, लेकिन बच्चों के लिए यह बेहद खतरनाक हो सकता है।
अब सवाल यह उठ रहा है कि बच्चे के शरीर में यह दवा कैसे पहुंची? क्या यह सच में चॉकलेट में था, या फिर यह कोई गहरी साजिश है?
बच्चे ने क्या कहा? मां और स्कूल का क्या बयान है?
🔹 मां का बयान:
बच्चे की मां ने बताया कि जब वह स्कूल से लौटा, तो वह बेहद सुस्त और नींद में था। जब उसने स्कूल शिक्षक से बात की, तो पता चला कि बच्चे ने चॉकलेट खाई थी।
🔹 स्कूल प्रशासन का बयान:
स्कूल ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने बच्चे के साथ कोई लापरवाही नहीं की। स्कूल का कहना है कि बच्चा पूरी तरह ठीक था, जब वह अपने रिश्तेदार के साथ घर के लिए निकला।
🔹 बच्चे का बयान:
जब डॉक्टरों और पुलिस ने बच्चे से पूछा कि उसे चॉकलेट किसने दी, तो उसने अपनी मां का नाम लिया। लेकिन मां ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया।
अब यह मामला और उलझता जा रहा है, क्योंकि बच्चे की मां और स्कूल प्रशासन के बयानों में अंतर है।
पुलिस जांच में क्या सामने आया?
केरल पुलिस की मनारकाड थाने की टीम इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
- अस्पताल से मिली रिपोर्ट के आधार पर प्रारंभिक जांच की गई।
- स्कूल प्रशासन और शिक्षकों से पूछताछ की गई।
- बच्चे के परिवार, खासकर उसकी मां और रिश्तेदारों से बातचीत की गई।
- उस चॉकलेट की भी जांच की गई, जिसे बच्चे ने खाया था।
लेकिन अब तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है।
अधिकारी का बयान:
“यह स्पष्ट नहीं है कि बच्चे को चॉकलेट कहां से मिली या उसके शरीर में बेंजोडायजेपाइन कैसे पहुंचा। इस मामले में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन जांच जारी है।”
क्या चॉकलेट में था जहर? दूसरा बच्चा भी खा चुका था वही चॉकलेट
इस मामले को और जटिल बनाता है एक और तथ्य—
- एक और बच्चा उसी चॉकलेट का कुछ हिस्सा खा चुका था, लेकिन उसकी तबीयत खराब नहीं हुई।
- इसका मतलब यह हो सकता है कि बच्चे को दवा किसी और माध्यम से दी गई हो।
संभावित परिदृश्य:
- क्या बच्चे ने स्कूल में ही कोई दवा खा ली थी?
- क्या कोई तीसरा व्यक्ति इसमें शामिल था?
- क्या यह कोई जानबूझकर की गई साजिश थी?
पुलिस फिलहाल इन सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
बच्चे की मां कौन हैं? पारिवारिक पृष्ठभूमि पर भी उठे सवाल
जांच में यह भी सामने आया कि—
- बच्चे की मां एक लैब तकनीशियन हैं।
- वह अपने पति से अलग रहती हैं।
- उन्होंने खुद जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से शिकायत दर्ज करवाई।
यह पहलू इस मामले को और पेचीदा बना देता है, क्योंकि यदि मां निर्दोष हैं, तो फिर बच्चे को दवा किसने दी?
बच्चे की सेहत अब कैसी है?
- जब उसे अस्पताल लाया गया था, तब उसका रक्तचाप असामान्य रूप से बहुत ज्यादा था।
- इस वजह से उसे कुछ दिनों के लिए आईसीयू में रखा गया।
- डॉक्टरों की मेहनत के बाद अब वह खतरे से बाहर है और धीरे-धीरे ठीक हो रहा है।
बच्चे की हालत अब स्थिर है, लेकिन उसकी मनोवैज्ञानिक स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है।