नई दिल्ली : बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास और नवाचार में निवेश की जरूरत पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने बजट के बाद आयोजित एक वेबिनार में बताया कि सरकार ने 2014 से तीन करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया है। इसके अलावा, 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अपग्रेड करने और पांच उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय विकास की आधारशिला कौशल विकास और प्रतिभा पोषण पर टिकी है।” उन्होंने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार युवाओं के भविष्य में निवेश कर रही है। उन्होंने सभी हितधारकों से इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया।
मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2015 से 2025 के बीच 66% बढ़ी है और वर्तमान में 3,800 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और जल्द ही 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सही दिशा में किया गया निवेश ही अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाएगा। इसी उद्देश्य से सरकार ने ‘पीएम इंटर्नशिप’ योजना शुरू की है, जिससे युवाओं को नए अवसर और व्यावहारिक कौशल मिलेंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस साल के बजट में 10,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटों की घोषणा की गई है, जबकि अगले पांच वर्षों में 75,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी। उन्होंने उद्योग जगत से स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश करने और चिकित्सा पर्यटन की संभावनाओं का दोहन करने का आग्रह किया।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 50 गंतव्यों को विकसित करने की योजना बनाई है। मोदी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र देश की जीडीपी में 10% तक योगदान कर सकता है और करोड़ों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है।