Manglik Dosh: ज्योतिष शास्त्र अनुसार जन्म कुंडली के पहले, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में मंगल की स्थिति होने पर जातक या जातिका को मांगलिक कहा जाता है। यह मंगल दोष लग्न कुंडली के अलावा चंद्र और शुक्र कुंडली से भी देखा जाता है और फिर उस हिसाब से मांगलिक दोष पर विचार किया जाता है। जैसे कि मांगलिक लड़के , लड़की का विवाह मांगलिक लड़के , लड़की से ही किया जाता है।
लेकिन यहां हम आपको कुछ ऐसी स्थितियां बताएंगे जो अगर यदि जन्मकुंडली में बनें तो मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है या बिल्कुल कम हो जाता है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं कौन सी हैं वो स्थितियां।
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जन्मकुंडली में ये स्थितियां करती हैं मांगलिक दोष को समाप्त
1.यदि दोनों में से किसी एक की कुंडली में जिस भाव में मंगल हो उस भाव में दूसरे की कुंडली में अशुभ ग्रह आ जाए तो भी मंगल दोष का समाप्त हो जाता है।
2.जन्म कुंडली में शुभ और बलवान चंद्रमा या शुक्र केंद्र में होने से भी मंगल दोष समाप्त होता है।
3. जन्म कुंडली में मंगल अस्त हो तो भी मंगल दोष का असर कम हो जाता है।
4. जन्म कुंडली में मंगल अपनी या उच्च राशि में हो तो भी मंगल दोष समाप्त हो जाता है।
5. जन्म कुंडली में मंगल पर गुरु की दृष्टि होने से या फिर मंगल राहु युति होने पर भी मंगल दोष का परिहार होता है।
मांगलिक दोष के उपाय
अगर आप मंगल दोष से निजात पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन लाल रंग की चीजें जैसे मसूर दाल, लाल मिर्च, लाल रंग की मिठाई, लाल रंग का वस्त्र आदि दान करें।
हर मंगलवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद हनुमान जी की पूजा करें। इस समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद हनुमान जी के चरणों में सिंदूर अर्पित करें।
मांगलिक जातक मंगलवार के दिन बाग या गार्डन में अशोक के पेड़ लगाएं। इस उपाय को करने से भी मंगल दोष दूर होता है।
मंगल दोष कि शांति के लिए तंदूर में बनी मीठी रोटी मंगलवार के दिन किसी पक्षी या जानवर को खाने को दें।