नई दिल्ली : फाल्गुन अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में आने वाली अमावस्या तिथि होती है। यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है और धार्मिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व है। इस दिन विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, पवित्र स्नान, दान-पुण्य और पितरों के तर्पण का विशेष महत्व होता है। यह तिथि हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करती है।
धार्मिक महत्व:
फाल्गुन अमावस्या को पवित्र नदियों में स्नान और पूजा-अर्चना करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और दान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक किए गए धार्मिक कार्यों से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
पौराणिक मान्यताएँ:
शास्त्रों में फाल्गुन अमावस्या को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। शिवलिंग का अभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, और रुद्राभिषेक करने से जीवन की सभी बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं।
दान और पुण्य:
फाल्गुन अमावस्या पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, और धन का दान करना पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन किया गया दान कई गुना फल देता है और मनुष्य के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है।
व्रत और पूजा विधि:
- प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव, विष्णु, और पितरों की आराधना करें।
- तर्पण और श्राद्ध कर्म संपन्न करें।
- दीपदान करें और गौसेवा करें।
- जरूरतमंदों को भोजन कराएँ और वस्त्रदान करें।
- इस दिन व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
फाल्गुन अमावस्या केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और पितरों की कृपा प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ अवसर भी है। इस दिन सच्चे मन से किए गए धार्मिक कार्य जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाते हैं। अतः, प्रत्येक व्यक्ति को इस पावन तिथि पर धार्मिक कार्यों और दान-पुण्य में भाग लेना चाहिए।
फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि को लेकर वैदिक पंचांग के अनुसार, यह तिथि कृष्ण पक्ष में आती है। इस वर्ष फाल्गुन अमावस्या की शुरुआत 27 फरवरी को प्रातः 08 बजकर 54 मिनट पर होगी और इसका समापन 28 फरवरी को प्रातः 06 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में फाल्गुन अमावस्या का पर्व 27 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा।