Hastrekha Shastra: हस्तरेखा शास्त्र से आप आसानी से अपने विवाह की स्थिति के बारे में जान सकते हैं। यहां आपको ऐसी जानकारी देंगे, जिसके अनुसार आप यह जान सकते हैं कि आपका विवाह कब होगा, आपके वैवाहिक जीवन की स्थिति क्या रहेगी। इसके अलावा आप यह भी जान सकते हैं कि आपको संतान सुख की भी प्राप्ति होगी या नहीं तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं विवाह से संबंधित सभी बातों के बारे में…
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार विवाह से संबंधित सूत्र
- विवाह रेखा और हृदय रेखा के बीच छोटी सी रेखा होती है। वह अगर हृदय रेखा के पास हो तो विवाह 22 या 24 वर्ष की आयु तक हो जाता है। जबकि अगर विवाह रेखा हृदय रेखा से काफी दूर हो तो विवाह में देरी का संकेत करती है।
- यदि 2 या 3 विवाह रेखा बन रही हो तो सब से लंबी और गहरी रेखा से वैवाहिक जीवन का सुख जानना चाहिए। अगर विवाह रेखा पर खड़ी हुई रेखा हो जो उसको काट रही हो तो यह वैवाहिक जीवन में परेशानी का संकेत करती है।
- यदि विवाह रेखा हृदय रेखा की तरफ झुकी हुई हो तो जातक का स्वभाव शक और वहम करने वाला हो सकता है। प्रेम और मित्रता के मामले ऐसे जातक पर भरोसा नहीं कर सकते।
- यदि विवाह रेखा पर द्वीप, स्टार या यहां से कोई रेखा हृदय रेखा तक आ रही हो तो जीवनसाथी से अलगाव का संकेत करती है।
- यदि शुक्र पर्वत पर अंगूठे की जड़ से स्पष्ट खड़ी रेखाएं हों तो जातक को संतान से सुख मिलता है। जबकि शुक्र पर्वत पर जाल होने से विवाह और संतान सुख दोनों में बाधा आती है।
- शुक्र पर्वत को अंगूठे से अलग करने वाली रेखा यानी अंगूठे के शुरुआत की रेखा यदि स्पष्ट हो तो संतान से सुख मिलता है। जबकि वह रेखा टूटी हुई या जाल बना हो तो संतान से सुख मिलने में बाधा आती है।
- विवाह और संतान सुख के लिए चंद्र पर्वत भी देखा जाता है। यदि चंद्र पर्वत पर जाल या कटी हुई अस्पष्ट रेखाएं हो तो भी विवाह और संतान सुख में बाधा आती है। खास कर चंद्र पर्वत पर कटी हुई रेखायों से जातक या जीवनसाथी में शारीरिक समस्या की वजह से संतान प्राप्ति में बाधा आती है।