विधायक भगवान शर्मा जिन्हें गुड्डू पंडित के नाम से भी जाना जाता है , एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत की 15वीं और 16वीं विधानसभा के सदस्य हैं। वह उत्तर प्रदेश के डिबाई निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और 2017 तक समाजवादी पार्टी राजनीतिक दल के सदस्य थे। राजीतिक क्षेत्र में उन्हें बाहुबली विधायकों में सुमार किया जाता था। इनका जन्म साल 1974 में 10 जुलाई को जनपद गौतमबुद्ध नगर के एक गांव में हुआ था। राजनीतिक कैरियर की शुरुआत इन्होंने बहुजन समाज पार्टी के साथ की थी, लेकिन इस दौरान कई मुद्दों पर इनके और पार्टी के विचारों में मतभेद रहा, जिसके बाद इन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।
15वीं विधानसभा के दौरान वे बहुजन समाज पार्टी के सदस्य थे । शर्मा को उनके भाई मुकेश शर्मा के साथ भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करके पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के कारण सपा से निष्कासित कर दिया गया था और उन्होंने भाजपा से चुनाव लड़ने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया, जिसके बाद वे राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए ।
गुड्डू पंडित ने अपने क्षेत्र के विकास के लिए कई प्रयास किए। समाजवादी पार्टी के सदस्य के तौर पर उन्होंने गरीबों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए काम किया और विकास योजनाओं में सक्रिय भागीदारी निभाई।
हालांकि, उनके राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव भी आए हैं, और 2017 के बाद उनकी राजनीतिक दिशा में बदलाव भी हुआ।
उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सड़कों, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली और रोजगार के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया। समाजवादी पार्टी की नीतियों के अनुरूप, उन्होंने गरीबों और दलितों के हक के लिए भी काम किया।
गुड्डू पंडित ने उत्तर प्रदेश की 15वीं और 16वीं विधानसभा में सदस्य के रूप में कार्य किया। विधायक बनने के बाद, उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र डिबाई में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी। यहां की जनता की समस्याओं के समाधान में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए, उन्होंने अपनी आवाज़ विधानसभा में उठाई। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने अपने क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं को सुधारने के लिए कई योजनाओं का समर्थन किया।
गुड्डू पंडित के बारे में कहा जा सकता है कि उन्होंने हमेशा समाज के पिछड़े वर्गों और वंचितों के हक में आवाज उठाई। वे हमेशा यह चाहते थे कि उनके क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हो और गरीब लोगों को अधिक अवसर मिलें।