संगम नोज पर भगदड़ के बाद कड़ी सतर्कता
गत मंगलवार देर रात संगम नोज पर भगदड़ की दर्दनाक घटना हुई थी, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 60 से अधिक घायल हुए थे। इसके बाद शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और अस्पताल में घायलों से मुलाकात कर बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के निर्देश दिए।
आईसीसीसी से हो रही निगरानी
रविवार को एडीजी भानु भास्कर ने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) का दौरा किया, जहां से पूरे मेला क्षेत्र, चौराहों और प्रवेश स्थलों की डिजिटल मॉनिटरिंग की जा रही है।
लाउडस्पीकर से श्रद्धालुओं को निर्देश दिए गए कि:
- स्नान के बाद घाट खाली करें।
- घाट पर बैठकर भोजन न करें।
- आवाजाही में रुकावट न डालें।
पुलिस ने भीड़ नियंत्रण के लिए सीटी बजाकर और निर्देश देकर घाट को व्यवस्थित बनाए रखने की पहल की है।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़, 33.61 करोड़ लोगों ने अब तक किया स्नान
रविवार सुबह 12 बजे तक 88.83 लाख श्रद्धालु गंगा और संगम में स्नान कर चुके थे। 13 जनवरी से अब तक कुल 33.61 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं।
श्रद्धालुओं से संगम क्षेत्र में भीड़ न बढ़ाने की अपील
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि प्रयागराज के पांच कोस (फाफामऊ से अरैल तक) का पूरा क्षेत्र संगम माना जाता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से संगम क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ न बढ़ाने का अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर कड़ी सुरक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को महाकुंभ नगर आ सकते हैं, जिससे प्रशासन और पुलिस के लिए आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।
निष्कर्ष
बसंत पंचमी स्नान को लेकर प्रशासन पूर्ण सतर्कता बरत रहा है। सुरक्षा उपायों को मजबूत किया गया है और भीड़ प्रबंधन के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। मेला प्रशासन और पुलिस का लक्ष्य शांतिपूर्ण और सुरक्षित कुंभ आयोजन सुनिश्चित करना है।