नई दिल्ली : एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और उद्योगपति रॉबर्ट वाड्रा को समन जारी करते हुए आज यानी कि 15 अप्रैल को एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। बता दे कि इससे पहले भी वाड्रा को 8 अप्रैल को तलब किया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए थे।
यह मामला वर्ष 2018 का है, जो गुरुग्राम में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच 3.5 एकड़ भूमि के ट्रांसफर से जुड़ा है। इस सौदे में कथित रूप से धोखाधड़ी और नियामकीय प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप हैं। गौरतलब है कि अक्टूबर 2011 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रॉबर्ट वाड्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि वाड्रा को डीएलएफ लिमिटेड की ओर से 65 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मिला था और उन्हें राजनीतिक संबंधों के एवज में ज़मीन पर भारी छूट दी गई थी।
ED का समन प्राप्त होने के बाद रॉबर्ट वाड्रा सोमवार को अपने निवास से एजेंसी के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए कहा, “जब भी मैं जनहित के मुद्दों पर आवाज़ उठाता हूं, मुझे दबाने की कोशिश की जाती है। मैंने अब तक हर सवाल का जवाब दिया है और आगे भी सहयोग करता रहूंगा।”
वाड्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि वे एजेंसी को सभी आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा, “मैं जांच में पूरा सहयोग दे रहा हूं और उम्मीद है कि आज की पूछताछ के बाद इस मामले में कोई निष्कर्ष निकलेगा। इसमें कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है। जब भी मैं देशहित में बोलता हूं, मुझे निशाना बनाया जाता है—ठीक उसी तरह जैसे राहुल गांधी को संसद में अपनी बात रखने से रोका जाता है।”