म्यांमार : शुक्रवार दोपहर म्यांमार में भूकंप के झटके दूर-दूर तक महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता 7.4 नापी गई। म्यांमार में अब तक 144 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 732 लोग घायल हैं, जबकि बैंकॉक में भी इस आपदा में 8 लोगों की जान चले जाने की बात सामने आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भूकंप के कारण हजारों लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिससे हालात और भी चिंताजनक हो गए हैं।
म्यांमार सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सागाइंग, मांडले और राजधानी नेपीडॉ समेत छह इलाकों में आपातकाल घोषित कर दिया है। राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है, और सरकार भूकंप से हुए नुकसान का आकलन कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि भारत हर संभव मदद देने के लिए तैयार है। इसी बीच, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने भी म्यांमार और थाईलैंड में आए इस विनाशकारी भूकंप को लेकर चिंता जताई है।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में अगले हफ्ते बिम्सटेक क्षेत्रीय समूह का शिखर सम्मेलन होने वाला है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े नेता भाग लेंगे। भूकंप के कारण इस सम्मेलन पर असर पड़ सकता है। म्यांमार की सीमा से लगे दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत में भी इस भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, वहां अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है।