नई दिल्ली : बुधवार को दिल्ली पुलिस और सुप्रीम कोर्ट की टीम दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के तुगलक क्रिसेंट रोड स्थित सरकारी आवास पर पहुंची, जहाँ नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश महला के नेतृत्व में यह जांच शुरू की गई, जिसमें उनके आलावा तुगलक रोड के एसीपी वीरेंद्र जैन और सुप्रीम कोर्ट के दो-तीन अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे।म
सूत्रों के मुताबिक, ये अधिकारी दोपहर करीब 2:15 बजे जस्टिस वर्मा के आवास पर पहुंचे और स्टोर रूम का निरीक्षण किया। यह वही स्थान है, जहां 14 मार्च की रात 11:15 बजे आग लगी थी। बताया जा रहा है कि इस आग में बोरियों में रखी भारी मात्रा में नकदी जल गई थी। इससे पहले, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन जजों की आंतरिक समिति भी जांच के लिए जस्टिस वर्मा के आवास पर पहुंची थी।
इस समिति में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल थे। तीनों जजों ने लगभग 30-35 मिनट तक घटनास्थल का निरीक्षण किया। सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान समिति ने स्टोर रूम और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को देखा, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि जब वे वहां पहुंचे, तब जस्टिस वर्मा खुद मौजूद थे या नहीं।
गौरतलब है कि 14 मार्च की रात जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास पर अचानक आग लग गई थी। अग्निशमन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई, और इसी दौरान वहां कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिलने की बात सामने आई। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आंतरिक जांच समिति गठित की है, जो अब मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।