नई दिल्ली : मंगलवार को विधानसभा में अपनी सरकार का पहला बजट पेश करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने महिला समृद्धि योजना से लेकर आयुष्मान योजना तक विभिन्न योजनाओं के लिए बजट प्रस्तावित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की नई सरकार ऐतिहासिक जनादेश के साथ सत्ता में आई है, और पूरा देश उनके बजट पर नजर रखे हुए है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले दस वर्षों में दिल्ली विकास के हर पैमाने पर पिछड़ गई है। बजट पेश करने से पहले विधानसभा में ‘मोदी-मोदी’ के नारे गूंजे।
झुग्गी-बस्तियों और आवास योजनाओं के लिए बजट
सरकार ने झुग्गी-बस्तियों के विकास हेतु डूसिब को 696 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 20 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
ढांचागत विकास और कनेक्टिविटी सुधार
दिल्ली के ढांचागत विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं शहरी विकास मंत्रालय के सहयोग से दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाएगा।
पूर्व सरकार पर निशाना
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए उन्हें “दिल्ली के मालिक” कहा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल बीच-बीच में आकर बयान देते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार दिल्ली को ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्त करेगी, नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे और स्मार्ट निगरानी प्रणाली लागू की जाएगी।
महिला कल्याण योजनाएं
महिला समृद्धि योजना के तहत 5100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसके अलावा, मातृत्व योजना के लिए 210 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को 21,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
आयुष्मान योजना का कार्यान्वयन
रेखा गुप्ता ने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक कारणों से केंद्र की योजनाओं को लागू नहीं किया गया। उन्होंने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल आयुष्मान योजना में अपना नाम जोड़ना चाहते थे, इसलिए इसे लागू नहीं किया गया। अब इस योजना के लिए 2000 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं।
बजट आकार और पिछली सरकार की आलोचना
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2023-24 में दिल्ली का बजट 77,800 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में घटकर 76,000 करोड़ रुपये रह गया था। उन्होंने पिछली सरकार पर दिल्ली के नागरिकों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि इस बार का बजट 1 लाख करोड़ रुपये का होगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दिल्ली विधानसभा में बजट पेश करने पहुंचीं और वित्त विभाग उनके पास होने के कारण उन्होंने स्वयं बजट पेश किया।