बेंगलुरु : बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के प्रस्तावित परिसीमन के खिलाफ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व में चलाए जा रहे विरोध अभियान को अपना समर्थन देते हुए लोकतंत्र और संघीय व्यवस्था को कमजोर करने के केंद्र सरकार के कथित प्रयासों की कड़ी निंदा की।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि तमिलनाडु के वन मंत्री के. पोन्नुमुदी और राज्यसभा सांसद मोहम्मद अब्दुल्ला इस्माइल ने सिद्धरमैया से उनके आधिकारिक आवास ‘कावेरी’ में भेंट की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के कथित लोकतंत्र-विरोधी और दक्षिण भारत के प्रति असमान रुख को लेकर चर्चा की।
बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने परिसीमन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विरोध दर्ज कराने की जरूरत पर जोर दिया और इस दिशा में एकजुट प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई। इससे पहले, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी इस विषय पर सिद्धरमैया से फोन पर बातचीत की थी।
सीएमओ ने कहा, “तमिलनाडु सरकार के प्रतिनिधिमंडल और मुख्यमंत्री स्टालिन के साथ चर्चा के दौरान सिद्धरमैया ने दक्षिणी राज्यों के इस प्रतिरोध आंदोलन को अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया।”
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार किसी भी ऐसे कदम का विरोध करेगी, जो कर्नाटक के हितों के खिलाफ हो, लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करे या संविधान के संघीय सिद्धांतों के विपरीत हो। उन्होंने कहा, “हम केंद्र सरकार की उन सभी नीतियों की निंदा करते हैं, जो लोकतंत्र और संघीय ढांचे को कमजोर करने वाली हैं। इस संघर्ष में हम पूरी तरह साथ हैं।”
गौरतलब है कि परिसीमन के मुद्दे को लेकर द्रमुक अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से भी संपर्क कर रही है। इनमें तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हैं, जो वर्तमान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा हैं।