नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025-26 सत्र से साल में दो बार 10वीं बोर्ड परीक्षा कराने के प्रस्तावित ड्राफ्ट रेगुलेशन को मंजूरी दे दी है। सभी स्टेकहोल्डर्स 9 मार्च तक इस ड्राफ्ट पर अपना फीडबैक दे सकते हैं, जिसके बाद इसे फाइनल किया जाएगा।
परीक्षा का शेड्यूल
ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, परीक्षाएं दो चरणों में आयोजित की जाएंगी:
- पहला फेज: 17 फरवरी से 6 मार्च तक
- दूसरा फेज: 5 मई से 20 मई तक
परीक्षा शुल्क और आवेदन प्रक्रिया
- परीक्षा शुल्क दोनों परीक्षाओं के लिए एक साथ लिया जाएगा।
- स्टूडेंट्स को परीक्षा देने के लिए तीन विकल्प मिलेंगे।
स्टूडेंट्स के लिए विकल्प
- साल में सिर्फ एक बार परीक्षा दें।
- दोनों परीक्षाओं में शामिल हों।
- किसी विषय में अच्छा प्रदर्शन न कर पाने पर, दूसरी परीक्षा में उस विषय को दोबारा दें।
फाइनल स्कोर का निर्धारण
CBSE ने स्पष्ट किया है कि साल में दो बार परीक्षा होने के बावजूद स्टूडेंट्स के टॉप स्कोर को फाइनल माना जाएगा। यानी, यदि कोई स्टूडेंट दोनों परीक्षाओं में शामिल होता है, तो उसमें से सबसे अच्छा स्कोर फाइनल रिजल्ट में जोड़ा जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय की बैठक और निर्णय
- 19 फरवरी 2025 को शिक्षा मंत्रालय ने CBSE बोर्ड सचिव और अन्य शिक्षाविदों के साथ इस नीति पर चर्चा की।
- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने CBSE, NCERT, KVS, NVS और अन्य स्कूल पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इस फैसले को अंतिम रूप दिया।
परीक्षा अवधि में संभावित बदलाव
सूत्रों के मुताबिक, यदि साल में दो बार परीक्षा का सिस्टम लागू होता है, तो परीक्षा के अंतराल को कम किया जा सकता है।
- परीक्षाओं को 7-10 दिनों के भीतर पूरा करना पड़ सकता है।
- यह बदलाव इसलिए जरूरी होगा ताकि दोनों परीक्षाएं समय पर पूरी हो सकें और जून तक सभी रिजल्ट घोषित किए जा सकें।