नई दिल्ली : वित्तीय वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं, जो कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने और किसानों की आय बढ़ाने पर केंद्रित हैं। प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
दालों और कपास के उत्पादन में वृद्धि: सरकार ने दालों और कपास के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छह वर्षीय कार्यक्रम की घोषणा की है। इसके तहत, राज्य एजेंसियाँ किसानों से तुअर, उड़द, और मसूर जैसी दालों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करेंगी, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और आय में वृद्धि होगी।
उर्वरक सब्सिडी: उर्वरक सब्सिडी के लिए 1.67 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है। इसका उद्देश्य किसानों को उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
कृषि ऋण सीमा में वृद्धि: किसानों के लिए सब्सिडी युक्त कृषि ऋण की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है, जिससे उन्हें कृषि कार्यों के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
उच्च उपज वाले बीजों का विकास: सरकार ने उच्च उपज देने वाली बीज किस्मों के विकास के लिए एक “राष्ट्रीय मिशन” शुरू करने की घोषणा की है, जिससे कम होती कृषि भूमि और अनियमित मौसम की चुनौतियों का सामना किया जा सकेगा।
इन पहलों के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य कृषि उत्पादन में वृद्धि, किसानों की आय में सुधार, और कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाना है।