Azamgarh News : आजमगढ़ में दर्दनाक हादसा: मुख्य बिंदु:
✔ आजमगढ़ जिले के बरदह क्षेत्र में हुआ दर्दनाक हादसा
✔ हाई टेंशन तार से टकराई सजावटी लाइट, दो मजदूरों की मौत
✔ बग्घी में बैठे दूल्हे को भी करंट लगा, हुआ बेहोश
✔ बारात में मची भगदड़, पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
बारात खुशी से निकली, मातम में बदली
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के बरदह थाना क्षेत्र में एक शादी की खुशी चंद पलों में मातम में बदल गई। शनिवार रात एक बारात जब गाजे-बाजे के साथ आगे बढ़ रही थी, तभी एक हाई टेंशन तार की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई और दूल्हा बेहोश हो गया। इस घटना के बाद बारात में अफरा-तफरी मच गई और पूरे इलाके में मातम पसर गया।
यह हादसा तब हुआ जब बारात मेहनगर थाना क्षेत्र के कुसमीलिया गांव से बरदह थाना क्षेत्र के भैसकुर गांव जा रही थी। रास्ते में जब बारातियों ने नाश्ता किया और फिर दूल्हा बग्घी पर सवार हुआ, तभी यह भयानक हादसा हुआ।
कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा?
बारात के दौरान कुछ मजदूर सिर पर सजावटी लाइट वाले गमले लेकर चल रहे थे। बारात जैसे ही एक संकरी सड़क से गुजरी, अचानक 11,000 वोल्ट के हाई टेंशन तार से एक गमला टकरा गया।
⚡ गमले में तुरंत करंट फैल गया और बग्घी भी इसकी चपेट में आ गई।
करंट लगने से मेहनगर के जवाहर नगर वार्ड निवासी गोलू (17) और मंगरु (25) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, दूल्हे को भी करंट का झटका लगा और वह बेहोश हो गया।
घटना होते ही बारातियों में अफरा-तफरी मच गई। लोग चीखने-चिल्लाने लगे और चारों ओर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
जैसे ही हादसे की सूचना मिली, स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तुरंत दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और घायल दूल्हे को अस्पताल पहुंचाया।
बरदह थाना प्रभारी ने बताया:
“यह हादसा हाई टेंशन तार के संपर्क में आने से हुआ। सजावटी लाइट वाला गमला तार से छू गया, जिससे करंट पूरे सिस्टम में फैल गया। दोनों मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया। मामले की जांच जारी है।”
ऐसे हादसे क्यों होते हैं? कारणों की पड़ताल
भारत में इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं, खासकर शादी या धार्मिक आयोजनों के दौरान। कुछ मुख्य कारणों पर नजर डाले
1. खुले में लटकते हाई टेंशन तार
ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में बिजली के तार बहुत ही नीची ऊंचाई पर लटके रहते हैं। इससे बारात, ट्रक, ऊंचे वाहन या सजावटी लाइट वाले गमले हाई वोल्टेज तारों के संपर्क में आ सकते हैं।
2. लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी
शादी और अन्य आयोजनों में सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया जाता। लाइट लगाने वाले मजदूरों को कई बार यह नहीं बताया जाता कि वे बिजली के तारों से सावधान रहें।
3. बिजली विभाग की सुस्ती
बिजली विभाग को खुले में लटकते तारों को दुरुस्त करने की जरूरत है। कई बार हादसे होने के बाद ही विभाग कार्रवाई करता है, जो कि पहले से रोकी जा सकती थी।
4. भारी सजावट और बग्घियों का उपयोग
पुराने समय की परंपरा के तहत शादियों में बग्घियों और भारी सजावट का उपयोग किया जाता है। इससे यह खतरा बढ़ जाता है कि ऊंची लाइटें तारों से टकरा जाएं।
भारत में इस तरह के हादसों के आंकड़े
👉 राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, हर साल भारत में बिजली के झटके या करंट लगने से 10,000 से ज्यादा मौतें होती हैं।
👉 उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश इस तरह की घटनाओं में शीर्ष राज्यों में शामिल हैं।
👉 शादी और धार्मिक आयोजनों के दौरान करंट लगने की घटनाएं 15-20% तक बढ़ जाती हैं।
👉 ग्रामीण इलाकों में यह खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि वहां बिजली के तार अक्सर खुले में लटके रहते हैं।
भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए क्या किया जाए?
इस तरह की घटनाओं को टाला जा सकता है, अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं—
✔ हाई टेंशन तारों की जांच: बिजली विभाग को चाहिए कि खुले में लटके तारों को ऊंचाई पर शिफ्ट करें।
✔ सजावट में सतर्कता: बारातों और आयोजनों में बिजली से चलने वाले सजावटी सामान का इस्तेमाल सोच-समझकर करें।
✔ मजदूरों को जागरूक करना: जो लोग लाइट या सजावट का काम करते हैं, उन्हें करंट के खतरों के बारे में जानकारी दी जाए।
✔ शादी आयोजकों की जिम्मेदारी: शादी आयोजकों को चाहिए कि वे बिजली से जुड़े खतरों की पहचान करें और जरूरी सुरक्षा उपाय अपनाएं।
✔ बिजली सप्लाई बंद करने की व्यवस्था: अगर किसी इलाके में शादी या बड़ा आयोजन हो रहा है, तो बिजली विभाग को अस्थायी रूप से सप्लाई बंद करने की अनुमति देनी चाहिए।
पीड़ित परिवारों का दर्द: “हमारे घर का सहारा चला गया”
गोलू और मंगरु के परिवारों पर यह हादसा कहर बनकर टूटा। मंगरु की मां ने रोते हुए बताया—
“मेरा बेटा शादी में काम करने गया था, ताकि दो पैसे कमा सके। लेकिन वह अब कभी वापस नहीं आएगा। हमें कौन संभालेगा?”
गोलू के पिता ने कहा—
“हमने सोचा भी नहीं था कि एक खुशी का मौका इतनी बड़ी त्रासदी में बदल जाएगा। अब हमें सिर्फ न्याय चाहिए।”