नई दिल्ली : मंगलवार यानि कि 11 मार्च को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की संप्रभुता को ध्यान में रखते हुए भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना है। साथ ही इसके माध्यम से विदेशी नागरिकों के प्रवेश और अवैध निवास को नियंत्रित करने के लिए नए कड़े प्रावधान लागू किए जाएंगे।
इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 के तहत भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नागरिकता प्राप्त करता है या भारत में अवैध रूप से रहकर सुरक्षा के लिए खतरा बनता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा, यदि किसी विदेशी नागरिक की मौजूदगी भारत के किसी अन्य देश के साथ कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित करती है, तो उसे देश में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
इस नए कानून के लागू होने के साथ ही भारत में चार प्रमुख पुराने कानून समाप्त कर दिए जाएंगे:
- फॉरेनर्स एक्ट, 1946
- पासपोर्ट एक्ट, 1920
- रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट, 1939
- इमिग्रेशन एक्ट, 2000
नकी जगह इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 लागू होगा, जिसमें इमिग्रेशन अधिकारियों को अधिक अधिकार दिए जाएंगे। अब अधिकारी विदेशी नागरिकों के प्रवेश को रोकने और उनके मामलों में अंतिम निर्णय लेने के लिए कानूनी रूप से अधिकृत होंगे। इससे पहले, अधिकारियों के पास यह अधिकार था, लेकिन इसे स्पष्ट कानूनी मान्यता नहीं मिली थी। नए कानून में इसे विधिवत रूप से परिभाषित किया गया है।